पूरी ज़िंदगी भटकता रहता है, वो है इंसान। थोड़े से सुख के लिए, रातो की नींद छोड़कर अपने सपनों के पीछे भागता रहता है, वो है इंसान। थोड़े से सुख के लिए, बहुत कुछ सह लेता है, वो है इंसान। थोड़े से सुख के लिए, कभी हार नहीं मानता, वो है इंसान। आख़िर इस सुख की क़ीमत क्या है? Collaborating with YourQuote Didi #definitionofhumanbeing #insaankipehchaan #factoflife #definitionofperson #139thquote