भले ही खुश न रहो पर मुस्कुराना जरूरी है ये दुनिया है “चंचल” यहाँ दिखावा जरूरी है ! जिन्दा रहकर भी मर ही रहे हैं हम, लेकिन दुनिया को जिन्दा भी नजर आना जरुरी है ! यूँ तो मिल ही लेते हैं दोस्तों से हम रोज ही घर पर दावत के लिए हमें बुलावा जरुरी है ! समुन्द्र की गहराई में उतर तो जाऊँ मैं, लेकिन पाने को मोती पार लगाना जरुरी है ! ग़मों से आबाद ये अपनी “चंचल” जिंदगी लबों पर रख मुस्कान इसे महकाना जरुरी है ! 😊👀✌️ चंचल माहौर #ग़जल