क्योंकि तुम कोई साधारण लड़की नहीं । मैं लिख दूंगा पूरी दास्तां तुम पर, देखना ।। और तुम थाम लेना हाथ अब "जय" का । तरस जाओगे किसी गम के लिए, देखना ।। (read full in caption) ©Jayesh gulati मैं चाहूं, और बस चाहूं तुम्हे खुश देखना । बरसात के मौसम में खुला आसमान देखना ।। उन राहों में जहां कोई साथ नहीं तुम्हारे । बस तुमको, तुम्हारे लिए चलते देखना ।। और करते हैं जो बातें तुम्हारी पीठ-पीछे । उन सबके कर दोगे तुम मुंह बंद, देखना ।।