स्वपन क्या है : जब नुर्सत हूँ दुनिया से, आंखे नम हो जमाने की। आघोष हो जुबान ये, खले कमी एक सितारे के चले जाने की। true dream:- #RishiKapoor #irfankhan #deam #Poetry #poem Ritika Singh irslan khan