थका सकती है दूरी सफर की निशान कदमों के मिटा सकती नहीं जला जिस्म कर दे जो रूह को राख ऐसी कोई आग बनी ही नहीं सफर में होगा लाख मुश्किलों का पहरा भटका दे सफर की राह, मगर मंजिलों को छोड़ना मुमकिन नहीं #distancedoesnotmatter sheetal pandya मेरे शब्द Asha Prince Govind Pandram Mr. MANEESH