मुझे ग़ुमान था अपने "अपना" होने पर, फिर सोचा नज़रें घुमाकर देखूँ, औरों को कैसा लगता है... कितनी दफ़ा औरों की ख़ातिर अपने अरमान रोंदे हैं मैंने, इस बार सोचा क्यों ना एक दफ़ा अपनी सुनकर देखूँ, ख़ुशी क्या होती है ये एहसास करके देखूँ... बस एक दफ़ा मैंने सोचा, क्यों ना मैं "मैं" रहकर देखूँ? ©Nikita Aggarwal #aatmnirbhar #selflove