ठहरो तो ज़रा तुम, तुमसे कुछ बातें करनी है। कल नहीं साहिब, मुझे तो आज ही करनी है।। है दिल में जो बात मेरे, उसे जुबां तक लानी है। सुनी अन सुनी बात से, तुम्हें रूबरू करानी है।। कुछ खट्टी कुछ मीठी बात, आओ तुम्हें सुनाऊं। बात बताकर तुमको, दिल हल्का कर जाऊं।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 📌 रचना का सार..📖 के Pin Post पर 📮 वाले नियम अवश्य पढ़े..😊🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-69 में स्वागत करता है..🙏🙏