आह! का एहसास कराता है तुम्हारे साथ जिया हर कदम, मैं भटकी न कभी राह से, उस राह पर चल रहे थे संग तुम, सागर की गहराई से भी गहरा हो हे!प्रिय तेरा मेरा संगम, आ जाये कितने भी कहर-ओ-गम न डगमगायेगे अब ये कदम, अब तुम साया बन जाना मेरा कभी न जुदा होंगे हमतुम, हर मंज़र को खुशमिजाज बना आधा आधा बाँट लेंगे हम। Challenge -33... #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #तुम्हारे_साथ_जिया_हर_कदम 👔- सभी लेखक अपनी रचना 6 लाईनों में और 62 शब्दों में लिखे । 👔- सभी लेखक ज्यादा से ज्यादा कोलब करें । 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल सुबह 9 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा । 👔- दिशा निर्देश के हिसाब से कोलब करें । 👔- धन्यवाद ।