सुप्रभात🙏🏼🙏🏼 भोर के शुद्ध पवित्र वातावरण में, मन के आंगन को स्नेह भाव से धो, अन्तर्मन के मंदिर स्नेहदीप जलाएं, आओ मिल हम सब प्रभाती गाएं, भाव शुद्ध हो स्वभाव में मिठास हो, निराशा की आंधी में भी निष्ठ आस ही, आओ सब मिल सुनिश्चित करे हम, कोई भी निराश उदास न रह पाए,