तेरे सज़दे में , यूँ निखरता गया रंग-ए-नूर। कि अब इसे इब्तिदा -ए-इश्क़ कहूँ, या इंतहा-ए-इश्क़ कहूँ.... Tere sazde mein, yu nikhrta gya rang-enoor. ki ab ise ibtida-e-ishq kahun, ya intha-e-ishq kahun.. तेरे #सज़दे में , यूँ निखरता गया रंग-ए-नूर। कि अब इसे #इब्तिदा -ए-#इश्क़ कहूँ, या #इंतहा-ए-इश्क़ कहूँ.... #Uशुभ