मैं अपनी कविताओं से/ धरती की सतह पर एक जोरदार धक्का लगाना चाहता हूँ धक्का इतना प्रभावी,बलशाली और तेज हो कि विकृति उत्पन्न हो जाएं/ पृथ्वी की घूर्णन गति में गड़बड़ा जाएं/ नक्षत्रों और तारों की गणनाएँ असंगत हो जाएं अमीर-गरीब, ऊंच-नीच का हिसाब क़िताब पूर्व के सारे बंटवारे, बंटवारे: सत्ताओं के/ पूंजी के अधिकारों के/ कर्तव्यों के अवसरों के/ वंचनाओं के जातियों के/ नस्लों के सरहदों -भाषाओं और रंगों के सब गड्डमड्ड हो जाएं बंटवारे उलझकर एक वृत्त बन जाएं ठीक पृथ्वी की तरह एकदम गोल और... पृथ्वी की नई घूर्णन गति में कहीं भी कोई क्षैतिज या ऊर्ध्वाधर बंटवारा न हो सम्पूर्ण मानव समाज एक वृत्त हो... जिसमें सब एक समान हो सब देश एक हो...बिना सरहदों के ©Tilasmani KYS #पृथ्वी #कविता #क्रांति #परिवर्तन #Earth #Rotation #hindi_poetry #hindikavita #Tilasmani