#OpenPoetry वह बोली कितना चाहते हो मुझे... .. मैंने कहा तुमसे ज्यादा... मैं खुद को भुल जाता हूं... जबभी तुझे सोचता हूं... मेरी दुनिया ना तुझ पहले और ना तुझ से आगे है.. मैं तुझ तक ही ठहर जाता हूं.. मेरी धन दौलत और मेरी हर खुशी हो तुम.. तुझे खुदा से बढ़कर मानता हूं ... तू ना कभी होना जुदा मुझ से.. अपने खुदा से बस यही मांगता हूं... उसकी आंखे नम हो गई... अपने सीने से लगा कर बोली. इतनी मोहब्बत करते हो मुझे... सिर्फ जान देना ही मोहब्बत नहीं होता... किसी को हर रोज शब्दों में छुपाकर उसका दीदार करना भी मोहब्बत ही है... #love#life#feeling#tomantic#सावन