#कृष्ण जन्माष्टमी काली घनेरी रात जिसमें प्रभु जन्म लियो आप , रचाई तुमने ऐसी लीला खुल गए सब कारावास | देवकी और सब सैनिक पड़े हुए थे निस्तेज, बाहर बरखा आंधी और नदी में वेग तेज़ || वासुदेव चले गोकुल को सर पर रख कर तुमको , छू चरण कमल नदी वेग ने किया नमन तुमको |