अभी तो 'बहुत कुछ है' बाकी ज़िन्दगी में, कुछ सीख ले इस दिन से भी , आएंगे ना ऐसे लम्हें यहाँ फिर दोबारा। रुकना मत इतने दूर आकर, दिन आता है दिन जाता है। रुकता कहाँ है ये कभी, बस यूँ ही चलते रहता है। ज़िंदगी का दस्तूर भी कुछ ऐसा ही होता है, जो किस्मत में लिखा है शायद वही मिलता है। वक़्त तो बहुत है हमारे पास लेकिन, उसकी चाबी अपने हाथों में कहाँ रहता है। #सुचितापाण्डेय🧚♀️ बहुत कुछ है... #बहुतकुछहै अभी तो 'बहुत कुछ है' बाकी मेरे हमसफ़र ज़िन्दगी में, कुछ सीख ले इस दिन से भी , आएंगे ना ऐसे लम्हें यहाँ फिर दोबारा। रुकना मत इतने दूर आकर, दिन आता है