#OpenPoetry फूल मिलें चाहें काँटें मंजिल तो पानी हीं होगी हार-जीत का क्या पता बाजी तो लगानी हीं होगी मुकद्दर में क्या है तू भूल जा लकीरें नहीं ये मुट्ठी आजमानी होगी बहुत कुछ खोना पडे़गा जनाब ऐसे नहीं जवाँ ये जवानी होगी कर गुजर तू अब कुछ ऐसा दुनिया कहें अगली मिसाल यहीं कहानी होगी। #जिंदगी #inspiration #openpoetrychallenge #openmicchallenge