नारी की आबरू कौड़ियों के दाम बिक गए, दौलत के बाज़ार में इज़्ज़त के दाम गिर गए। हर बार इंसानियत, आटे-चावल के भाव बिके हैं और मर्यादा के शिकंजों से इस परिंदे के पर कुतरे गए। आज्ञाकारी का Tag अब बेटों पर लगाने की बारी है, उभरते हुए 'घुँघट में छिपे चेहरों को' पहचानने की बारी है। तोड़कर पिंजरा मर्यादा का, भरनी है नई उड़ान बेड़ियों को शस्त्र बना, अब निशस्त्र करने की बारी है।। ©Shubhra Srivastava #Thoughts #NewThought #newenergy #newdefinition #changinthoughts #modernindia #Feminism #Girlvsboysshayari #HeartBook