ज़िन्दगी भाई जिन्दगी. मनखपणो है जिंन्दगी। यार पणो है ज़िन्दगी. अमर बणाले ज़िंदगी। जिन्दगाणी यूं काटले.दुख सुख मिलके बांटले. नर नारायण की सेवा.करके पाले तू मेवा. यो जग एक तमासो रे.रोवो कल़पो हांसो रे जो दिन बीत्या जावेगा पाछा कौनि आवेगा। आतनी सी जी जा इने याद रवै.थारी जिन्दगी।। जिन्दगी भाई ।...। छुरि गंडासा फांक तू. एक नजर भर झांक तू ख़ून बहायो कतनो दैख.रोती बिलखती चींखा देख भूखा टाबर सूनी मांग.भूखी सौगी बैन्दड़ दैख भंगरायो कुणनै बतला.घटका पटनै खुद ही देख बैर्यां का चक्कर मैं फंसग्यो.नरक बणा ली जिन्दगी। जिन्दगी भाई...। जिन्दगाणी तो सौरम हे.गमकैगी गरणा बादे ज्यात पात मे मत बांधे चौमे्र्या सरणा बादै धूल़ मिलेगी य्हां काया अमर आत्मा की छाया जाणहार य्हा जावेगी. लौटके पाछी आवेगी। अतनी सी जीजा ईनै याद रवै थारी जिन्दगी। जिन्दगाणी भाई जिन्दगी.। जगदीश निराला ।। जिन्दगी भाई जिन्दगी...