बेवफा ने वफाई , ही कब है किया.. ? मैं अकेला , वफा को , निभाता रहा ! इश्क जितना किया मैंने , मेरे इश्क से उतनी शिद्दत से वो मुझ को रुलाता रहा !! मिलने जब भी कभी मुझसे आती थी वो उलझी जुल्फों को, मैं उसके सुलझाता रहा.. नींद उसको अगर जब भी आई कभी ..., अपनी बाहों में भर के सुलाता रहा ....!! मैंने माना नहीं कर लो तुम यें यकीन बेवफा बेवफा तुम हो बेवफा ..... बात मुझको जमाना बताता रहा खुद तो रोया ही मैं उस की याद में कोरे कागज को लिख लिख रुलाता रहा..... बेवफा ने वफाई ही , कब है किया....? मैं अकेला वफा को निभाता रहा....!! बेवफा ने वफाई ही ,कब है किया...? मैं अकेला वफा को , निभाता रहा !! खुद तो रोया ही मैं उस की याद में कोरे कागज को लिख लिख रुलाता रहा..... बेवफा ने वफाई ही , कब है किया....? मैं अकेला वफा को निभाता रहा....!!