मुझे नहीं चाहिए शहर में ये भवन आलीशान। बहुत सुकून था जब पहले गाँव में था मकान। आज शहर में ना फुरसत ना चैन ना आराम, गाँव वालों के पास है, वक़्त, सब्र, इत्मिनान। वहाँ शुद्ध हवा थी, स्वच्छ फ़ज़ा,पर्यावरण, यहाँ तो सिर्फ़ और सिर्फ़ कंपनी और दुकान। पशुओं का विचरना, बगीचा, घास का मैदान, देखने से भी नहीं दिखते यहाँ खेत खलिहान। कहकर गए लोग बसती है भारत माता ग्राम, शायद! इसलिए गाँव में बसती है मेरी जान। #गाँव #गाँवकीबातें #गाँव_की_यादें #yqdidi #yqbaba #hindi #yqurdu #yqquotes