हाँ... सारी गलती मेरी है मैं लड़की जो हूँ "पुरूष प्रधान संसार मे, पुरुषों को लाई जो हूँ खुद को हर पल उनकी नज़रो में बेलिबास देख खामोश जो हूँ हाँ .... गलती मेरी है मैं लड़की जो हूँ हर एक को रिश्ते से बांध कर चलती जो हूँ रिश्तों का मान न समझ, हर पुरुष के लिए, महज़ एक खिलौना जो हूँ हाँ .... गलती मेरी है मैं लड़की जो हूँ चाहे 2 साल की बच्ची ही क्यो न हो उनके लिये केवल भोग की वस्तु जो हूँ खुद को बचाने के लिए, नही किसी क़ाबिल जो हूँ हर पल उठते सवाल मुझी पर, शायद मैं ही कमजोर जो हूँ एक चाह, खुद की पहचान बनाने की, निकल चार दिवारी से आई जो हूँ देख कर हर पुरुष की आंखों में, अपनी एक ही छवि घबराई तो हूँ चाहते सभी पढ़ना मुझे, हाथो से छू कर क्यों...शायद इन अंधे पुरुषों के लिए शायद कोई ब्रेल लिपि जो हूँ.... ©✍🏻Poonam Bagadia "Punit" "हाँ..सारी गलती मेरी ही है मैं लड़की जो हूँ पुरूष प्रधान संसार मे, पुरुषों को लाई जो हूँ खुद को हर पल उनकी नज़रो में बेलिबास देख खामोश जो हूँ हाँ .... गलती मेरी है मैं लड़की जो हूँ हर एक को रिश्ते से बांध कर चलती जो हूँ रिश्तों का मान न समझ, हर पुरुष के लिए, महज़ एक खिलौना जो हूँ हाँ .... गलती मेरी है मैं लड़की जो हूँ चाहे 2 साल की बच्ची ही क्यो न हो उनके लिये केवल भोग की वस्तु जो हूँ