याद तुम्हारी क्या बतलाऊँ कैसे कैसे आ रही है चलने का अंदाज़ ठुमक कर मचल-मचल कर और चहक कर हाथों को लहरा-लहरा कर अदा-अदा से और विहँस कर तेरी सुंदर-सुंदर बातें मन हर्षित है गाते-गाते मैं कब से आवाज दे रहा आ जाते हँसते-मुस्काते तेरे गालों वाले डिम्पल याद आते हैं मुझको पल-पल मिसरी में पागे होठों के नाज़ुक चुम्बन कोमल-कोमल एक छवि मुस्कान बटोरे मुझको अपने परितः घेरे सुंदर सुखद समीर बहाती बदली बन कर छा रही है याद तुम्हारी क्या बतलाऊँ कैसे कैसे आ रही है ©Er Writer Fauji Ashish #mylove #myson #ashishashish #creativeminds