जानी अन्जानी रहें तुझको पुकारे, आजा रही आजा राही, तुझको प्यार पुकारे । वो ना मिलेगा जो था अपना , वो ना मिलेगा जिसके लिए देखा था सपना वो ना मिलेगा क्यों मेरा मन फिर उसको ही चाहे , क्यों मेरा मन फिर उसको ही सोचे जिसने कभी हमें समझा ना अपना...... जानी अन्जानी राहे....... _____ sanjay Kaushik जानी अंजानी राहे