फिर याद आए वो,हुई एहसास की बरसात है फिर चाँद तारों छांव में हमको बितानी रात है गुमसुम समाँ,गुमसुम फिज़ा,ख़ामोश मंज़र कह रहा फिर वो यहाँ आए,मेरे उमड़े सभी ज़ज्बात है महका वो चंपा,महकी चमेली,महकती मेरी गली यादों से उनकी महकते अब भी मेरे ज़र्रात है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1125 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ इस महीने दिल खोलकर लिखें। 😊 #फिरयादआएवो #मुख्यप्रतियोगिता #KKC1125 #YQDIDI #कोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़