तुम ही तो हो... रात घनेरी, कोहरा बड़ा, छलक रही रातरानी से इत्र है देखो, इस अतुल्य निशा के टिमटिमाते सितारों की सौग़ात, तुम ही तो हो... ©श्वेतनिशा सिंह ~🕊️ तुम ही तो हो... मेरी कल्पनाओं की उड़ान हो तुम... सागर के गहरे पैठ में छिपे मोती हो तुम... हर नींद के बाद अंगड़ाई बाहों की, तुम ही तो हो... चांद के छांव में कुछ पल बैठो ज़रा संग मेरे, बुझ जाने दे दिये, गगन तले सरगोशी में, कहीं