वह कल मिली तो प्यार से बोली चलों ना यार रेस्टोरेंट। मैं चला गया उसके साथ में प्यार का करना था जो सेटलमेंट। ' वह बोली की खर्चा मेरा होगा, तुम्हें सिर्फ खाना है। मैं भी खुश था कि फ्री में ही आज चटपटा लुफ्त उठाना है। ' मैं भी चला गया, साथ में उसके सेटिंग जो करना था। रेस्टोरेंट का बिल वह भरेगी , मेरा वहाँ क्या लगना था। ' वेटर आया और बिना मेनू ही उसने नाश्ता थमा गया। दो कप चाय और दो पारले जी बिस्किट लगा गया। ' मैं बोला कि भूतनी के आज तुम यह क्या लगा दिया। आज खर्च करने की मुंड में थी, इसका पूरा बचा दिया। ' वेटर बोला खाना तो यही खाना है नही तो निकल जाना है। यह स्वदेशी रेस्टोरेंट है, इसमें पिज्जा बर्गर माना है। ' अब अपने दिल पर पत्थर रख कर चाय और बिस्किट खाया। दुसरे दिन ही कम्पनी को मंदी में चले जाने का खबर आया। ' जियाउल हक सारण बिहार पारले जी बिस्किट