मेरी वाली Pretend करती है जब तब ऐसे जैसे Literature से जुड़ाव कुछ ख़ास ना हो उसका पर हरकतें हर तरह से साहित्य की हैं हुज़ूर के जैसे बातों को अधूरा छोड़ देना... #साहित्यिक_सहायक #साहित्य_संजीवनी