है ज़िन्दगी की हर डगर कदम कशमकश में है कि अब बढ़े किधर त्योरी चढ़ाकर सवाल करते हैं मदद को हाथ बढ़ाते वो वास्ते कि अपने पथरीले रास्ते पे चल चलकर उनकी चुभन ही तो कहीँ अजीज तो नहीँ हो गयी ???? अपनी फिरोज सीरत का तकाजा भी क्या दें उनको अब मुसाफिर कि चुभन सह कर भी उसे आज भी उन पत्थर के आँसुओ से सरोकार है। - अदिती कपीश अग्रवाल अंजाना सफ़र, है दिल में डर... #अंजानासफ़र #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi