मै सूखा हुआ दरख़्त हूं,जलकर हो गया सख़्त हूं, दावानल की चपेट में आकर हो गया क्षतिग्रस्त हूं। जलती हुई लपटों को देख कर मन मेरा सहम गया, जल गए वन्य जीव जंतु मिल सकी नही रहम दया। चोंच भर भर कर ला रही थी आग बुझाने को बया, चहुं ओर से दावानल से घिर चुका था जंगल सारा, आग की ज्वालाओं में खाक हुआ जंगल हरा भरा। जल रहा था जंगल सारा ,उठ रहा था काला धुआं, जलते हुए मांग रहा था जीवो के लिए रब से दुआ। हुई जब रहम की बारिश जल चुके जीव जंतु सारे, देखकर तबाही आंसू बहा रहे थे आसमान से तारे। कर दिया आग ने सब कुछ स्वाह बनकर महा शत्रु , अधजले पशु एवं परिंदों की आंखों से बह रहे अश्रु। JP lodhi 16/07/2020 #Drytree #Forestfire #Nojoto #Nojotohindi #Nojotoorigenal #Poetry