शीर्षक:– (पिता) पिता ईश्वर है,पिता ही स्वर्ग,पिता ही धन और माया पिता बिन नही प्रीत,नही प्रेम, नही छत और छाया। चलते गिरते को हिम्मत देता,देता बिन पंखों से उड़ान विपत्ति में साथ,रहें कंधो पर हाथ,साथ रहे तेरा साया दिल में आगाज़ है,कुछ करने की चाह है,मित्र बनकर आया पिता साथ है,किस बात का घात है,है पिता तो सुंदर काया। बच्चों के लिए रखता आस, न दिन देखा न देखी रात करता उनकी हर जिद्द पूरी,न उनका कभी दिल दुखाया। बुढ़ापे में बनो पिता का सहार,जिसने तुम्हें चला सिखाया जिसने की पिता की सेवा,उसने समझों मोक्ष है पाया। पिता का दर्जा सबसे ऊपर,यह विश्व लोक की छाया काशी,मथुरा,वृंदावन घुमा पर ईश्वर पिता में पाया। #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़