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वो बेपरवाह, क़्या जाने की, क़्या गुजरती है इस दिल

वो बेपरवाह, क़्या जाने की,  
क़्या गुजरती है इस दिल पर 
जब वो अनदेखा करके हमें 
हवा की तरह यूँ छूकर गुजर जाते है। 
ह्रदय के तारों को छेड़कर वो 
भावनाओं के कोमल धागो से खेलकर 
ना जाने कौनसी धुन में रमता जाता है वो, 
उसकी बाते कभी मेरे लिए ना सुलझने वाली 
पहली बनकर रह जाती है। 
मेरी साँसो में बंधे होने के बाबजूद 
भी वो मेरी साँसो को यूँ तोड़ जाता है। 
कैसे इतने लापरवाह होकर 
मेरे मन के इतने टुकड़े कर जाता है। 
ना होते कभी वो इतने लापरवाह 
समझ पाते मेरे मन की बातो को, 
समझ पाते मेरे साँसो की भाषा को 
तो मेरा ये बेचारा मन बंजारा बनकर
यूँ व्याकुल होकर नहीं घूमता। 
Ig / @kajals.quotes #Love #poem #kajuwrites
वो बेपरवाह, क़्या जाने की,  
क़्या गुजरती है इस दिल पर 
जब वो अनदेखा करके हमें 
हवा की तरह यूँ छूकर गुजर जाते है। 
ह्रदय के तारों को छेड़कर वो 
भावनाओं के कोमल धागो से खेलकर 
ना जाने कौनसी धुन में रमता जाता है वो, 
उसकी बाते कभी मेरे लिए ना सुलझने वाली 
पहली बनकर रह जाती है। 
मेरी साँसो में बंधे होने के बाबजूद 
भी वो मेरी साँसो को यूँ तोड़ जाता है। 
कैसे इतने लापरवाह होकर 
मेरे मन के इतने टुकड़े कर जाता है। 
ना होते कभी वो इतने लापरवाह 
समझ पाते मेरे मन की बातो को, 
समझ पाते मेरे साँसो की भाषा को 
तो मेरा ये बेचारा मन बंजारा बनकर
यूँ व्याकुल होकर नहीं घूमता। 
Ig / @kajals.quotes #Love #poem #kajuwrites
kajalmaheshwari7026

Kajal Nayak

Bronze Star
New Creator