कलम सदा चलती रहे, झुके नहीं ये शीश हंस वाहिनी माँ हमे, ऐसा दो आशीष। ज्ञान शक्ति बढ़ती रहे, विद्या मिले अपार । लेखक सब आगे बढ़े, हो सपने साकार।। जय माँ विद्या दायनी, पावन तेरा धाम। हम सब बालक आपका,भजते है माँ नाम।। विद्या देना माँ हमे , हम बालक नादान। कृपा दृष्टि रखना सदा, बढ़े सदा ही मान ।। ©Uma Vaishnav #Basant