Nojoto: Largest Storytelling Platform

इस साहित्य के सागर में मैं गंगा बनकर गिरती हूं म

इस साहित्य के सागर में 
मैं गंगा बनकर गिरती हूं 
मैं इन बर्फीली चट्टानों में
 ज्वाला लेकर फिरती हूं 


मैं चरणवंदना करती हूं 
इन नगाधिराज हिमालय की 
जिनको उपमा देत रहे सब 
सिद्ध विद्व देवालय की
 इस साहित्य के सागर में 
मैं गंगा बनकर गिरती हूं 
मैं इन बर्फीली चट्टानों में
 ज्वाला लेकर फिरती हूं 


मैं चरणवंदना करती हूं 
इन नगाधिराज हिमालय की
इस साहित्य के सागर में 
मैं गंगा बनकर गिरती हूं 
मैं इन बर्फीली चट्टानों में
 ज्वाला लेकर फिरती हूं 


मैं चरणवंदना करती हूं 
इन नगाधिराज हिमालय की 
जिनको उपमा देत रहे सब 
सिद्ध विद्व देवालय की
 इस साहित्य के सागर में 
मैं गंगा बनकर गिरती हूं 
मैं इन बर्फीली चट्टानों में
 ज्वाला लेकर फिरती हूं 


मैं चरणवंदना करती हूं 
इन नगाधिराज हिमालय की