जिंदगी में वीरानियां, परेशानियां हो तो बसंत भी पतझड़ सा लगता है। दिल टूटा हुआ हो गर तो दुनियां के मेले में भी दिल तन्हा सा लगता है। हर कोई राही है अपनी मंजिल का अकेला, अकेले ही चलना होता है। साथी अगर साथ छोड़ जाए तो जीवन भर दिल को तन्हा जीना होता है। 🌝प्रतियोगिता-70 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दुनिया के मेले"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I