बरसो बाद आज धूप खिली है। कोहरा छटा है, सुकून की नींद मिली है। सोए थे जो वो जाग गए हैं। कुछ ऐसी उम्मीद दिल में जगी है। बड़े बरसों बाद आज धूप खिली है। - नेहा शर्मा धूप