कर्म बढ़िया होने चाहिए क्योंकि वक़्त किसी का नहीं होता जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं उंगली उठे तो बेइज्जती और अगुठा उठे तो तारीफ अंगुठे से अंगुली मिले तो लाजबाव यही तो है जिंदगी का हिसाब