ये अंधेरी राते भी हँस कर फब्तियां कसती है मुझपर, कहती है जिनसे तु पूरी रात बात किया करता था मुझे ठुकरा कर, उसी ने तुझे तन्हा कर अब बेकद्र किया है ॥ #विवेकजौनपुरी#शायरी#इश्क#तन्हाई