क्यों नहीं... हो सकता वह सब जो आदर्शों में विद्यमान है. क्यों नहीं... "क्यों नहीं...." पीड़ा दायक यथार्थ को ठेंगा दिखला सकते हम जो कुत्सित और वीभत्स है. क्यों नहीं.. दबी कुचली मानवता को फिर से प्राणवान कर सकते हम साहस का संचार कर सकते हम. क्यों नहीं... अन्याय और अत्याचार के खिलाफ बिगुल बजा क्रांति का आह्वान कर सकते हम शोषक को जड़ से उखाड़ फैंक सकते हम. क्यों नहीं... झूठ को झुठ कह सच के संग चल सकते हम सच्चाई को सिंहासन पर बैठा सकते हम. क्यों नहीं... Muनेश..Meरी✍️ स्त्री को "स्त्रीत्व"के वागजाल से आज़ाद कर सकते हम पुरुष के समकक्ष खड़ा कर सकते हम. क्यों नहीं... जाति-धर्म के व्यर्थ विचारों से जन-मन को मुक्त कर सकते हम एक ही धर्म "मानवधर्म"का बिगुल क्यों नहीं बजा सकते हम. क्यों नहीं... मानव को मानव की पदवी दे मानवता का श्रृंगार करते हम इस धरती को स्वर्ग बना देते हम...! क्यों नहीं क्या आपके पास कोई जवाब है? #क्योंनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi