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किसी बे सहारे से पुछो, जिसे दूर-दूर तक, कोई सहारा

किसी बे सहारे से पुछो,
जिसे दूर-दूर तक,
कोई सहारा न दिखता हो,
कितनी आश लगाए,
प्रतीक्षा करती है,
वो आएगा,
अंधेरा छंटेगा,
उजियारी छायेगी, सुप्रभात।

एक किरण आशा की, किसी सूरज से कम नहीं होती। 

#एककिरण #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
किसी बे सहारे से पुछो,
जिसे दूर-दूर तक,
कोई सहारा न दिखता हो,
कितनी आश लगाए,
प्रतीक्षा करती है,
वो आएगा,
अंधेरा छंटेगा,
उजियारी छायेगी, सुप्रभात।

एक किरण आशा की, किसी सूरज से कम नहीं होती। 

#एककिरण #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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