किसी बे सहारे से पुछो, जिसे दूर-दूर तक, कोई सहारा न दिखता हो, कितनी आश लगाए, प्रतीक्षा करती है, वो आएगा, अंधेरा छंटेगा, उजियारी छायेगी, सुप्रभात। एक किरण आशा की, किसी सूरज से कम नहीं होती। #एककिरण #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi