छुरिया चलती रही हम रोते रहे रातभर । नासूर सी चुभती रही, आंसू बहते रहे रतभर । ये वक़्त की मार है या नजाकत है इश्क का । दिये जलते रहे हम तरपते रहे रातभर । रूह भी रूह से रूबरू न हुवे। हवा चलति रही दिल जलते रहे रातभर । ©Manoj Karn #Dil #Pyar #is #duniya #bekarar #manojkarn #openstage #munch #Mic