ना खाहिसें बोल पाईन ना लवज आवाद हुए इश्क के मुजरिम अक्सर खुद ही आजाद हुए रातें जाया करदी बस एक वज़ह के इंतजार में महफिलों के शेर जाकर मयकदे में इरशाद हुए #इंतजार #मयकदा #शेर #महफिल #रात #वजह यदि कोई कुछ जोड़ना चाहता है तो स्वागत है 🙏