डर है कि कहीं बरबाद ना हो जाऊं, थाम लो प्यार से हाथ, मै भी आबाद हो जाऊं। उलझो जो कभी इन प्यार के साखों में, तुम्हारी उलझनों का मुकम्मल इलाज हो जाऊं, भटकूं मै कब तलक इन झील सी आंखों में, मिलो बनकर गंगा तो काशी प्रयागराज हो जाऊं। ~Ashi's Rachna ©Ashish Gupta #kaashi #PrayagRaj #Nozoto #nozotohindi #Love #pyaar