कुछ चीखें सुनने आयी हैं। आज फिर छिड़ गई एक लड़ाई है। माँ भारत को स्वतंत्र करने, खड़ा फिर सरहद पर एक सिपाही है । माँ भारत के बच्चे, आज फिर भूल गए हैं, अपने रिश्ते। कोई हिन्दू , तो कोई मुस्लिम, तो कोई केह रहा ईसाई है। लेकिन माँ भारत को स्वतंत्र करने, खड़ा फिर सरहद पर एक सिपाही है । कई वीरों की कहानी सुन कर, आज फिर रोई मेरी माई है । तो कई बहने, आज फिर ढूंढ रही, अपने भाईओं की कलाई हैं। भाई-भाई की गाथाएं सुनकर जा खड़ा, उस सरहद पर फिर बनकर एक सिपाही है। क्यूंकि माँ भारत को स्वतंत्र करवाना, यही कसम हमने खाई है। आज भी हमारा तिरंगा सबसे ऊपर, लेकिन नजाने क्यों ढक रही उसे परछाई है, अपने ही देश में गद्दार भरे, जो लूट रहे हमारी माई है, कोई हिन्दू, तो कोई मुस्लिम, तो कोई कह रहा इसाई है। लेकिन माँ भारत को स्वतंत्र करने, खड़ा फिर सरहद पर एक सिपाही है। आज क्यों ना फिर, एक साथ खड़े हों, जवाब दें उन दिरिंदों को, की हम ना हिन्दू , ना मुस्लिम और ना ईसाई हैं। हम सब भारत वासी, भारत माँ के, बच्चे सब भाई-भाई हैं। हमारी ना कोई भाषा है, ना हमारी कोई जात है, हम केवल भारतीय, येहि हमारी पहचान है। भारत माँ की रक्षा, येहि हमारा कर्म, जरूरत पड़ने पर हम सब सिपाही हैं । जान की परवाह ना कर आज, फिर खड़ा सरहद पर एक सिपाही है। जय हिन्द।। #patriotic #IndependenceDay #Indian #India #Soldier #loveforarmy #IndianArmy #indianairforce #indiannavy #defenceforces