"उम्मीद का परिंदा" ज़िंदगी के आसमान में, उम्मीद का परिंदा उड़ने दो.. पंखो को खोलो, हौसलों की उड़ान भरने दो... चुगने दो जीत का दाना, चहचहो में मिसाल रहने दो... क्यों कैद काटे कोई, बंदिशों के पिंजरे में.. बैठा है मन में छुप कर जो, उस उम्मीद के परींदे को, हौसलों को उड़ान भरने दो... - Shahnaz Khan #Freedom#SK#InspirationOfLife