हजार होंगे तेरे चाहने वाले , बस मैं सिद्दत से निभाउंगा, अंधेरा है इस दिल के घर मे तुझे रोशनी समझ ले जाऊँगा। तू ठोकरे मार मेरे ख्वाबो को मैं तेरी हर करवट में आऊंगा। तेरे जैसा, मैं खूद भी नही, इसलिए तेरे पहलू में ही रह जाऊँगा। तू ही हर लड़की में दिखती है मेरी माला भी तुझी को जपती है, बहुत काँटे है तेरी राह पर, अब मै नंगे पैर कैसे आऊँगा, तू ही बता , पहले अहसास के बिना कैसे जी पाऊंगा।। तू ही बता--------------------------- ✍️✍️ मरहम"कलम" ©Isolated poetry, हिंदी,उर्दू लफ्ज मरहम" कलम" #isolatedhearts