ठण्डी है चांदनी रात , फिर भी सुकून कहाँ, बैठे हैं आश में जिसकी, वो शक्श नही बस उसकी यादें यहाँ, चमक चांद की बढती जा रही है, वैसे ही याद आ रही है, रुक जाये काश! ये वक्त वहीं , जिस जगह जिस पल दरमियान तूं , हो जाये जहाँ.. #Dreams #nojotohindi #nojotoindia #lockdowan #newtrands #hindipoetry #chandniratorteriyad #morningpoetry Vikash shyoran