पुरूषोत्तम है राम। अत्युत्तम है राम।। त्यौहार है राम। पालनहार है राम।। आत्म संयम है राम। हरमन कायम है राम।। नयनाभिराम है राम। सबके निजाम है राम।। पतित पावन है राम। जन सिरावन है राम।। सकल गुणधाम है राम। परम् सत्त्वधाम है राम।। शून्य में जीवन का संचार है राम। हर कोलाहल का उपचार है राम।। मैं से हम तक का शिष्टाचार है राम। सापेक्ष सद्भाव का सुविचार है राम।। राम से बड़ा राम का नाम... #अनुरागी_मन #JaiShriRam