आज तो होगा War, कंजूस दोस्त ने किया है जो Big अत्याचार, बनाके किरायेदार, ना खिलाई रसमलाई,ना ही करेले का अचार। थक गई रे बाबा सौ-दो सौ बार बजा कर उसके Door की घंटी, काटके तार, सुन रहा था धुन,निकला अव्वल दर्ज़े का कलाकार। ही-ही,खी-खी,You ही You कर-कर तो पटाया था मुश्क़िल से, दिखाके Channel स्टार,चटाने लगता फ्री दोस्ती का समाचार। नींद को तो दे ही रखी है कंजूस ने,वो Unlimited वाली Bribe, सुनके काम है यार,दौड़ा आता उसकी Sleep गली का सरदार। 🎀 Challenge-277 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी हास्य रस रचना लिखिए।