कहा बहुत घरवालों ने, बेटा पढ़ाई-लिखाई करो, हमने उनसे बोला, वो तो करेंगे, पर कविताएँ लिखना भी बेकार तो नहीं है । थोड़े बड़े हुए नौकरी लग गई, तब trekking पर जाना शुरू किया, अब बोलते है इतना मत घूमो दोस्तो के साथ, हम फिर बोले, यह आदत बेकार तो नहीं है । लोग क्या क्या नहीं करते बचपन में, जवानी में, मैं तो सिर्फ खुद को व्यक्त और समझने की कोशिश कर रहा हूँ, जो अभी तक ना हुआ, वो आगे कैसे होगा, यह सोचता हूँ और खुद से पूछता हूँ - क्या सच में यह कोशिशें बेकार तो नहीं हैं। Hum kuch kaam khud ko jaanne k liye karte h aur bahut samay take karte h , Kuch safal vote h kuch nhi Usi pe dedicated 12 panktiyan #बेकारनहीं #yqdidi #yqbaba #challenge #YourQuoteAndMine #searchforself #yqtaless #collabwithme