मुझे तू खुद में उलझा रहने दे, दूसरा क्यों बनूं , खुदसा रहने दे ग़म की आँधी ने सारे चराग़ बुझा दिए उम्मीद का एक चराग़ जलता रहने दे तुझे ही परवाह नहीं तो छोड़ फिर जैसा भी हूँ मैं मुझे वैसा रहने दे हक़ीकत तुझसे देखी नहीं जाएगी रहने दे इसपे झूठ का पर्दा रहने दे मेरी प्यास महज़ कुछ पलों की नहीं लबों को तू देर तलक भीगा रहने दे #Khud_mei_uljha #hindishayari #rehnede #nojotohindi #nojotonews