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पहली नज़र का असर, दिल पे ऐसा छा गया। रूप सुहाना तुम

पहली नज़र का असर, दिल पे ऐसा छा गया।
रूप सुहाना तुम्हारा, मेरी आँखों को भा गया।

आँखें मेरी कबसे, तुम्हारे दीदार को प्यासी थीं।
देख के तुमको दिलबर, मन मेरा मुस्कुरा गया।

रात बिताई इंतज़ार में, तुम्हारे बिन तन्हा रहकर।
उम्मीद लगाई जिसकी, वो मंज़र आज आ गया।

सोच में मेरे बसी थी, वो प्यारी सूरत तुम्हारी।
हुआ दीदार तुम्हारा, दिल को करार आ गया।

उम्मीद की थी हमने, मन आँगन गुलज़ार हो।
तुम्हारे आने की खुशबू, मन मेरा महका गया। ♥️ Challenge-740 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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पहली नज़र का असर, दिल पे ऐसा छा गया।
रूप सुहाना तुम्हारा, मेरी आँखों को भा गया।

आँखें मेरी कबसे, तुम्हारे दीदार को प्यासी थीं।
देख के तुमको दिलबर, मन मेरा मुस्कुरा गया।

रात बिताई इंतज़ार में, तुम्हारे बिन तन्हा रहकर।
उम्मीद लगाई जिसकी, वो मंज़र आज आ गया।

सोच में मेरे बसी थी, वो प्यारी सूरत तुम्हारी।
हुआ दीदार तुम्हारा, दिल को करार आ गया।

उम्मीद की थी हमने, मन आँगन गुलज़ार हो।
तुम्हारे आने की खुशबू, मन मेरा महका गया। ♥️ Challenge-740 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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